पथरीली राह की आदत हो चली है, होगी तू सुरीली किसी और के लिए मैंने तो दूर-दूर तक सन्ना पथरीली राह की आदत हो चली है, होगी तू सुरीली किसी और के लिए मैंने तो दूर-द...
पलकों में इन्द्रधनुष पलकों में इन्द्रधनुष
अनमोल सुनहरे पल ओझल न हो, पलकों की पालकी पर बिठा रखी, बीते हुए दशकों से अनमोल सुनहरे पल ओझल न हो, पलकों की पालकी पर बिठा रखी, बीते हुए दशकों से
अटक जाना मेरे होठों पे आ कर फिर और मेरी खामोशी में मेरा दर्द सुन जाना अटक जाना मेरे होठों पे आ कर फिर और मेरी खामोशी में मेरा दर्द सुन जाना
पूछते हैं सब मुझको, क्यों उदास मेरा चेहरा। क्यों तन्हा मैं इतनी, तुम को एहसास नहीं है। पूछते हैं सब मुझको, क्यों उदास मेरा चेहरा। क्यों तन्हा मैं इतनी, तुम को...
स्त्री को मिट्टी, पुरुष को धूप प्रेम को पानी, होते हुए देखा है मैंने ! स्त्री को मिट्टी, पुरुष को धूप प्रेम को पानी, होते हुए देखा है मैंने !